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क्या 2030 के भारत के सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) की सूची के बारे में जानते हैं आप? जानें सब कुछ | 2030 KA भारत

जैसा कि हम जानते हैं कि सहस्राब्दि विकास लक्ष्य (Millennium Development Goals) 2015 में समाप्त हो गए थे। इसलिए इन विकास लक्ष्यों के स्थान पर संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) को प्राप्त करने का फैसला लिया गया था। 

इस सम्बन्ध में महासभा की बैठक न्यूयार्क में 25 से 27 सितंबर 2015 में आयोजित की गयी थी। इस बैठक में 193 देशों ने भाग लिया था। संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन की थीम "Transforming our world: The 2030 Agenda for Sustainable Development” थी।  बैठक में अगले 15 साल के लिए 17 ‘लक्ष्य तय किये गए थे, जिन्हें 2016 से 2030 की अवधि में हासिल करने का निर्णय लिया गया था। इस 

सतत विकास लक्ष्य (SDG) के वैश्विक लक्ष्यों में गरीबी खत्म करना, पर्यावरण की रक्षा, आर्थिक असमानता को कम करना और सभी के लिए शांति और न्याय सुनिश्चित करना, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक असमानता, नवाचार, टिकाऊ उपभोग, शांति और न्याय जैसे नए विषय जोड़े गए हैं। ये सभी लक्ष्य "कोई भी पीछे न छूटे" के सिद्धांत पर आधारित हैं। 

सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों के विपरीत सतत विकास लक्ष्यों में "विकसित" और "विकासशील" देशों के बीच कोई अंतर नहीं है और ये लक्ष्य सभी देशों को हासिल करने होंगे। 

2030 के भारत के सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) और उनके मुख्य उद्देश्यों की सूची इस प्रकार है:

लक्ष्य

उद्येश्य

 विवरण

लक्ष्य -1

शून्य गरीबी

गरीबी के सभी रूपों की सम्पूर्ण भारत से समाप्ति।

लक्ष्य -2

शून्य भुखमरी

भूख की समाप्ति, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा।

लक्ष्य -3

उत्तम स्वास्थ्य तथा खुशहाली

सभी आयु के लोगों में स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा।

लक्ष्य -4

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सभी को सीखने का अवसर देना।

लक्ष्य -5

लैंगिक समानता

लैंगिक समानता प्राप्त करने के साथ ही महिलाओं और लड़कियों को सशक्त करना।

लक्ष्य -6

स्वच्छ जल तथा स्वच्छता

सभी के लिये स्वच्छता और पानी के सतत् प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना।

लक्ष्य -7

सस्ती तथा प्रदुषण-मुक्त ऊर्जा

सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच सुनिश्चित करना।

लक्ष्य -8

उत्कृष्ट कार्य तथा आर्थिक वृद्धि

सभी के लिये निरंतर समावेशी और सतत् आर्थिक विकास, पूर्ण और उत्पादक रोज़गार तथा बेहतर कार्य को बढ़ावा देना।

लक्ष्य -9

उद्योग, नवाचार तथा बुनियादी सुविधाएँ

लचीले बुनियादी ढाँचे, समावेशी और सतत् औद्योगीकरण को बढ़ावा।

लक्ष्य -10

असमानताओं में कमी

देशों के बीच और भीतर असमानता को कम करना।

लक्ष्य -11

संवहनीय शहर तथा समुदाय

सुरक्षित, लचीले और टिकाऊ शहर और मानव बस्तियों का निर्माण।

लक्ष्य -12

संवहनीय उपभोग तथा उत्पादन

स्थायी खपत और उत्पादन पैटर्न को सुनिश्चित करना।

लक्ष्य -13

जलवायु कार्रवाई

जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों से निपटने के लिये तत्काल कार्रवाई करना।

लक्ष्य -14

जलीय जीवों की सुरक्षा

स्थायी सतत विकास के लिये महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और उपयोग।

लक्ष्य -15

थलीय जीवों की सुरक्षा

सतत उपयोग को बढ़ावा देने वाले स्थलीय पारिस्थितिकीय प्रणालियों, सुरक्षित जंगलों, भूमि क्षरण और जैव-विविधता के बढ़ते नुकसान को रोकने का प्रयास करना।

लक्ष्य -16

शांति, न्याय तथा सशक्त संस्थाएँ

सतत विकास के लिये शांतिपूर्ण और समावेशी समितियों को बढ़ावा देने के साथ ही साथ सभी स्तरों पर इन्हें प्रभावी, जवाबदेहपूर्ण बनाना ताकि सभी के लिये न्याय सुनिश्चित हो सके।

लक्ष्य -17

लक्ष्य हेतु भागीदारी

सतत विकास के लिये वैश्विक भागीदारी को पुनर्जीवित करने के अतिरिक्त कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत बनाना।


उपर्युक्त सतत विकास लक्ष्य मानव जीवन के प्रत्येक पहलू को आवरण देने के लिए बनाए गए हैं। यदि ये लक्ष्य निर्धारित समय के भीतर हासिल किए जाते हैं, तो दुनियाभर में गरीबों का जीवन आसान होगा और उन्हें जीने के बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे।

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