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2030 का भारत - सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है चौथे लक्ष्य में शामिल


 शिक्षा में वह ताकत होती है जिससे पूरी दुनिया को बदला जा सकता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सतत विकास लक्ष्य की बुनियाद है। आज भारत में पहले से अधिक ज्ञान तथा शिक्षा का भंडार है, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति उसका लाभ नहीं उठा पाता है। भारत सरकार ने “स्कूल चले हम” की पहल करके सभी स्तरों पर शिक्षा की सुलभता को बढ़ाने तथा स्कूल्स में भर्ती की दरों में वृद्धि करने पर बहुत प्रगति की है और अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सतत विकास एजेंडा के #2030 के भारत का चौथा लक्ष्य देश के प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कराना है जो देश की आर्थिक व्यवस्था सुधरने में क्रन्तिकारी साबित होगा। इस लक्ष्य में यह सुनिश्चित किया गया है कि 2030 तक भारत में प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित हो और ऐसे युवाओं तथा वयस्कों कि सँख्या में वृद्धि हो जिनके पास रोजगार, तकनीकी ज्ञान तथा व्यावसायिक कौशल हो। इसके साथ ही, सभी बच्चों को प्रारंभ में ही उत्तम विकास, देखभाल और प्राइमरी पूर्व शिक्षा सुलभ हो जिससे वे प्राइमरी शिक्षा के लिए तैयार हो सकें, सभी को किफायती और गुणवत्तापूर्ण तकनीकी, व्यावसायिक और स्नातक/स्नातकोत्तर शिक्षा, विश्वविद्यालय सहित बराबरी के आधार पर सुलभ हो, शिक्षा में लड़कियों और लड़कों के बीच विषमता पूरी तरह समाप्त करना और विकलांग व्यक्तियों, मूल निवासियों और संकट की परिस्थितियों में घिरे बच्चों सहित लाचार लोगों के लिए शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के सभी स्तरों तक समान पहुँच सुनिश्चित करना, युवा पुरुषों तथा महिलाओं सहित काफी बड़े अनुपात में वयस्क साक्षर हो जाएं और गणना करना सीख लें आदि शामिल है।

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