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वर्तमान समय की शिक्षा व्यवस्था के चलते क्या होगा भारतीय युवा का भविष्य

वर्तमान समय एवं बीते वर्ष की स्थिति को देखते हुए सरकार ने बीते वर्ष की तरह इस बार भी जो शिक्षा व्यवस्था को लेकर कदम उठाए है वे कदम किस हद तक सही है. कोरोना महामारी की दृष्टि से युवानों की सुरक्षा के लिया यह निर्णय सही है किन्तु क्या युवाओं के भविष्य की दृष्टि से इन दिशा-निर्देशों को सही माना जा सकता है. 


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कोरोना महामारी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुकी है. लोगों को अपनी नौकरियां गवानी पड़ी हैं, लोगों को कामकाज छोड़ वापस आना पड़ा और भी कई मुसीबतों का सामना भारतीयों ने इस महामारी के दौरान किया है एवं कर रहे हैं. 

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इन सब परिस्थितियों के चलते भारत में बेरोजगारी का स्तर कहीं अधिक बढ़ गया है. इन सब बातों को समझे तो युवानों की ऑनलाइन शिक्षा को महत्व दिया जा रहा है जो परिस्थितियों के अनुकूल भी है साथ ही ये जिम्मेदारी युवाओं की है कि वे स्थिति के अनुरूप अपने भविष्य की तैयारियां करें किन्तु सवाल अब भी वही है कि परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किस हद तक सही है।

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