भिंड जिले के कुरथरा गांव में शुक्रवार तड़के शिव मंदिर परिसर में सो रहे पुजारी ब्रह्मानंद बौहरे को जहरीले काले कोबरा ने डस लिया। पुजारी ने खुद ग्रामीणों को सूचना दी, जिसके बाद उन्हें तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
हवन कुंडी में छिपा था, सर्प मित्र ने किया रेस्क्यू
डॉक्टरों के अनुसार, सांप का जहर बेहद खतरनाक था, जिससे बचना मुश्किल था। घटना के बाद सांप मंदिर परिसर की हवन कुंडी में छिप गया। सर्प मित्र जग्गू परिहार ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद सांप को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि ब्लैक कोबरा प्रजाति के सांप के काटने से बचने की संभावना बहुत कम होती है।
सामाजिक कार्यों में आगे रहते थे पुजारी
पुजारी की मृत्यु से गांव में शोक है। ग्रामीणों ने बताया कि ब्रह्मानंद बौहरे धार्मिक और सामाजिक कार्यों में सदैव अग्रणी रहते थे। शुक्रवार सुबह विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों ने प्रशासन से बरसात के मौसम में सांपों के बढ़ते खतरे को देखते हुए जागरूकता अभियान चलाने की मांग की है।
भिंड जिले के कुरथरा गांव में शुक्रवार जल्द सुबह मंदिर में सो रहे पुजारी को जहरीले कोबरा सांप ने काट लिया। सांप के काटने के बाद पुजारी ने खुद ही ग्रामीणों को सूचना दी। इसके बाद पुजारी को उपचार हेतु जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद मौके पर सर्पमित्र को बुलाया गया। मंदिर की हवन कुंडी में छिपकर बैठे सांप का रेस्क्यू कर जंगल में छुड़वाया गया। जानकारी के मुताबिक पुजारी ब्रह्मानंद बौहरे हमेशा की तरह मंदिर परिसर में सो रहे थे। रात के वक्त अचानक एक जहरीले सांप ने उन्हें डस लिया। सूचना मिलते ही गांव के लोग मंदिर पहुंचे और पुजारी को तत्काल जिला अस्पताल भिंड ले गए। लेकिन यहां इलाज के दौरान ब्रह्मानंद बौहरे ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों के मुताबिक सांप का जहर बेहद खतरनाक था, जिससे बच पाना मुश्किल था।
ब्लैक कोबरा प्रजाति का सांप सांप के डसने के बाद वह मंदिर परिसर में बनी हवन कुंडी में जाकर छिप गया। इस पर ग्रामीणों ने सर्पमित्र जग्गू परिहार को मौके पर बुलाया। सर्पमित्र ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद सांप को पकड़ लिया। उन्होंने बताया कि यह ब्लैक कोबरा प्रजाति का सांप था, जो बेहद जहरीला होता है। इसके डसने से इंसान के बचने की संभावना बहुत कम होती है। गांव में शोक का माहौल पुजारी ब्रह्मानंद बौहरे की मौत की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों और परिजनों ने गुरुवार सुबह विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया। गांव के लोग ब्रह्मानंद बौहरे को धार्मिक व सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहने वाला व्यक्ति बता रहे हैं। घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि बरसात के मौसम में सांपों के बढ़ते खतरे को देखते हुए गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जाए। ताकि ऐसी घटनाओं से बचाव किया जा सके।
साभार - दैनिक भास्कर
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