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भारत ने 35 साल पहले रचा था इतिहास... लॉर्ड्स में अंग्रेजों को चटाई धूल

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 10 जून का विशेष महत्व है. 1986 में इसी दिन टीम इंडिया को पहली बार लॉर्ड्स के मैदान पर जीत हासिल हुई थी. कपिल देव की अगुआई में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 5 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया था.


स्टोरी हाइलाइट्स

  • भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 10 जून का विशेष महत्व
  • 1986 में इसी दिन भारतीय टीम ने पहली बार लॉर्ड्स टेस्ट जीता था

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 10 जून का विशेष महत्व है. 1986 में इसी दिन भारतीय टीम को पहली बार लॉर्ड्स के मैदान पर जीत हासिल हुई थी. कपिल देव की अगुआई में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 5 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया था. क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में भारत को 11वें प्रयास में जीत मिली थी. इसके बाद भारत ने लॉर्ड्स में अपनी दूसरी जीत जुलाई 2014 में दर्ज की, जब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में उसने इंग्लैंड को 95 रनों से हराया था.

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दिलीप वेंगसरकर की यादगार पारी

कपिल देव ने टॉस जीतकर इंग्लैंड को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया था. ग्राहम गूच (114) के शतक की बदौलत इंग्लैंड ने पहली पारी में 294 रन बनाए. भारत की ओर से चेतन शर्मा ने 5 और रोजर बिनी ने 3 विकेट निकाले. जवाब में भारत ने 341 रन बनाकर 47 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की. 

दिलीप वेंगसरकर ने नाबाद 126 और मोहिंदर अमरनाथ ने 69 रनों की पारियां खेली थीं. इसी के साथ वेंगसरकर लॉर्ड्स में लगातार तीन टेस्ट मैचों में शतक जमाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए थे. उन्होंने 1979 में 103, 1982 में 157 और 1986 में 126* रनों की पारी खेली थी. 

कपिल ने सिक्सर मारकर दिलाई जीत 

इसके बाद इंग्लैंड की दूसरी पारी महज 180 रनों पर सिमट गई थी. भारत के लिए कपिल देव ने 4 और मनिंदर सिंह 3 विकेट चटकाए थे. 134 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत का स्कोर 78 रन पर 4 विकेट और फिर 110 रन पर 5 विकेट हो गया था. फिर कपिल देव ने जिम्मेदारी संभाली और महज 10 गेंदों पर 23 रन कूट डाले. कपिल देव ने फिल एडमंड्स की गेंद सिक्स लगाकर शानदार अंदाज में भारत को जीत दिलाई थी. भारत ने 136 रन बनाकर 5 विकेट से मैच जीत लिया था. कपिल भले ही मैन ऑफ द मैच रहे थे, लेकिन जीत के असली हीरो तो दिलीप वेंगसरकर ही थे.

Kapil Dev (Getty)

लॉर्ड्स में 54 साल बाद मिली पहली जीत 

भारत के टेस्ट मैचों का सफर लॉर्ड्स से ही शुरू हुआ था. 1932 में भारत को अपने पहले टेस्ट में 158 रनों से हार मिली थी. भारत ने यहां लगातार शुरुआती 6 टेस्ट (1932-1967) गंवाए. 1971 में पहली बार भारत मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा था. लेकिन 1974 के अगले दौरे में एक बार फिर भारत को हार का सामना करना पड़ा. 1979 में एक बार फिर से मैच ड्रॉ रहा, लेकिन 1982 में एक और हार मिली. आखिरकार 1986 में भारत ने लॉर्ड्स में पहली जीत हासिल की. लॉर्ड्स में भारत ने अब तक 18 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से केवल दो मैचों में उसे जीत मिली है, जबकि 12 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है.

लीड्स टेस्ट जीतकर रचा था इतिहास

कपिल देव की अगुआई वाली टीम ने इसके बाद लीड्स में दूसरा टेस्ट 279 रनों से जीतकर सीरीज में अजेय बढ़त ले ली थी. बर्मिंघम में खेला गया तीसरा और अंतिम टेस्ट ड्रॉ पर खत्म हुआ था. भारत टीम की इंग्लिश धरती पर यह महज दूसरी सीरीज जीत थी. 

इससे पहले 1971 में अजीत वाडेकर की अगुआई में भारत ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 1-0 से अपने नाम किया था. पहले दो टेस्ट मैच ड्रॉ रहने के बाद ओवल में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच को भारत ने 4 विकेट से जीता था. 

आखिरी बार भारत ने 2007 में इंग्लैंड की सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीती थी. राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम ने उस सीरीज के पहले और तीसरे मैच को ड्रॉ कराया था, जबकि नॉटिंघम में खेले गए दूसरे टेस्ट को 7 विकेट से जीता था.

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