प्राकृतिक संसाधन विशेषज्ञों की मानें तो पृथ्वी पर आज की तारीख में 1.3 ट्रिलियन बैरल तेल मौजूद है, किंतु जिस गति से हम तेल का इस्तमाल कर रहे हैं उस के अनुसार आने वाले 40 सालों में ये तेल संसाधन समाप्त हो जाएंगे। तेल के लगातार इस हद तक इस्तमाल से तेलों के संसाधनों में कमी एवं अधिक उपयोग से तेल की कीमतें निरन्तर बढ़ती जा रही हैं। अगर हम पिछले 2 दशकों के कुछ आंकड़ों पर नजर डालें तो पाएंगे कि 1990 में तेल की कीमत 12.23/-लीटर, 2000 में तेल की कीमत 25.94/-लीटर, 2010 में तेल की कीमत 47.43/-लीटर, और 2021 में तेल की कीमत 87.53/-लीटर तक पहुंच गई है।
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इन आकड़ों के हिसाब से हर 10 साल में तेल की कीमतें दोगुनी होती जा रही हैं। हमारे अधिकांश काम ईंधन पर निर्भर हैं क्योंकि अधिकांश सामना जो हमारे रोजमरा की जिंदगी में इस्तमाल होते हैं सभी किसी ना किसी वाहन के माध्यम से एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाएं जाते हैं। इन सब कामों में ईंधन का बहुत ज्यादा महत्व है। इस कारण ही बढ़ती महंगाई के पीछे ईंधन की बढ़ती कीमतों का भी योगदान है।
अब बात करते हैं कि यह पेट्रोल आखिर बनता कैसे है? या इसे कहां से और किस तरह प्राप्त किया जाता है?
पेट्रोल हमें सीधे प्राप्त नहीं होता बल्कि जमीन की गहराईयों से प्राप्त होने वाले गाढ़े काले तरल पदार्थ पेट्रोलियम से पेट्रोल प्राप्त किया जाता है। पेट्रोलियम या कहें कच्चा तेल आता कहां से हैं? आज से कई साल पहले जब पृथ्वी पर विनाश हुआ था तब कई जानवर, पेड़-पौधें जमीन की गहराइयों में अंदर चले गए और कई सालों तक यूं ही दबाव में रहने के कारण ये अवशेष कच्चे तेल यानि गाढ़े काले तरल पदार्थ में परिवर्तित हो गए। ये कच्चे तेल का भंडार पृथ्वी पर हर जगह मौजूद नहीं है। कुछ जगह ही इन का भंडार उपलब्ध है। जिन देशों में ये भंडार उपलब्ध है, उन देशों से बाकि देश कच्चा तेल खरीदते हैं एवं फिर कच्चे तेल की रिफाइनरी में इसे कई अलग-अलग तापमान पर गर्म कर पेट्रोल, डीजल, गैस,नेफ्था आदि प्राप्त किया जाते है।
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इस तरह एक पूरी प्रकिया द्वारा पेट्रोल प्राप्त किया जाता है। पेट्रोल के संसाधन एक पर्याप्त मात्रा में ही उपलब्ध हैं और लगातार बढ़ती इस की मांगे इस की कीमत में हो रही वृद्धि की वजह है। एक वक्त के बाद तेल की कीमतें आसमान की ऊँचाइयाँ छू जाएँगी और इस स्थिति को उत्पन्न करने वाले हम ही होंगे। हमें इस विषय पर सोचने की आवश्यकता है कि किस तरह हम संसाधनों का उपयोग करें जिस कारण भविष्य में उन की होने वाली कमियों को दूर किया जा सके।
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