देश के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के नाम पर मुहर लगा दी है। उन्होंने जस्टिस एनवी रमना को सुप्रीम कोर्ट का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया है। वह 24 अप्रैल को पदभार संभालेंगे। राष्ट्रपति उन्हें शपथ दिलाएंगे। 45 साल से ज्यादा के न्यायिक अनुभव रखने वाले और संवैधानिक मामलों के जानकार एनवी रमना का कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक का होगा।
आंध्र प्रदेश के रहने वाले एन.वी रमना वर्ष 2000 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर चुने गए थे। फरवरी, 2014 में सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति से पहले वह दिल्ली हाई कोर्ट में थे। 63 वर्षीय नुथालपति वेंकेट रमना ने 10 फरवरी, 1983 से अपने न्यायिक करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने आंध्र प्रदेश से वकील के तौर पर शुरुआत की थी।
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आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट, आंध्र प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल के अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत की थी। उन्होंने संवैधानिक, आपराधिक और इंटर-स्टेट नदी जल बंटवारे के कानूनों का खास जानकार माना जाता है। करीब 45 साल का लंबा अनुभव रखने वाले एनवी रमना सुप्रीम कोर्ट के कई अहम फैसले सुनाने वाली संवैधानिक बेंच का हिस्सा रहे हैं।
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सन् 2014 में बने सुप्रीम कोर्ट जज
17 फरवरी 2014 को जस्टिस रमन्ना सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. इससे पहले वो दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके थे. जस्टिस रमन्ना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नावरम गांव में हुआ था. वो एक किसान परिवार से आते हैं. 10 फरवरी 1983 को उन्होंने बतौर एडवोकेट अपना करियर शुरू किया था. उस समय उन्होंने आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट से शुरुआत की थी. आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के अलावा वो सेंट्रल एंड आंध्र प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल्स, सुप्रीम कोर्ट में सिविल, क्रिमिनल, संवैधानिक, लेबर, सेवा और चुनावों से जुड़े मसलों को देख चुके हैं.
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