मोमेंटम रूटीन इम्यूनाइज़ेशन ट्रांसफॉर्मेशन और इक्विटी प्रोजेक्ट ने स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन ड्राइव का सफलतापूर्वक आयोजन किया
छत्तीसगढ़, जून 16, 2023: यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) द्वारा समर्थित मोमेंटम रूटीन इम्यूनाइज़ेशन ट्रांसफॉर्मेशन एंड इक्विटी प्रोजेक्ट, ने छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन ड्राइव के माध्यम से विशेष उपलब्धि हासिल की है। इस प्रोजेक्ट ने समर्थन, ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (टीसीआई) फाउंडेशन, हेल्पएज इंडिया, शांता मेमोरियल रिहैबिलिटेशन सेंटर (एसएमआरसी) और द लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया (टीएलएमटीआई) जैसे विशिष्ट स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर प्राथमिक समूहों के बीच वैक्सीन को लेकर विश्वास स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वैश्विक महामारी के प्रकोप ने दुनिया भर के लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है, लेकिन हाशिए पर रहने वाली आबादी इससे सबसे अधिक प्रभावित हुई है। जनजातीय, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी), ट्रांसजेंडर, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं आदि को भी इसकी वजह से गंभीर परिणाम भुगतने पड़े हैं। इन कमजोर समूहों में कम संसाधनों के चलते गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने और अपने शिशुओं दोनों की रक्षा के लिए विभिन्न स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ा। तमाम बाधाओं के बावजूद, आशा, एएनएम और आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने इन महिलाओं द्वारा समय पर वैक्सीन की खुराक को पूरा किए जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्त, टीम द्वारा छत्तीसगढ़ के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में कोविड-19 वैक्सीनेशन कैम्प्स लगाए गए, ताकि समुदाय की बुजुर्ग आबादी के बीच व्यापक रूप से वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जा सके।
कोविड-19 वैक्सीनेशन ड्राइव में चेंज एजेंट्स के रूप में स्कूल समूहों के साथ जुड़ाव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सबसे पसंदीदा और पारंपरिक खेल 'साँप और सीढ़ी' को कोविड-19 मैजेस के साथ एक नया रूप दिया गया। वैक्सीन मैसेजिंग का यह तरीका बेहद सकारात्मक और रचनात्मक रहा, जिसने लोगों के भीतर वैक्सीन को लेकर आत्मविश्वास बढ़ाने में अहम् भूमिका निभाई। सरकारी स्कूलों के एनएसएस वॉलंटियर्स ने न सिर्फ डोर-टू-डोर अभियान का संचालन किया, बल्कि सक्रिय रूप से समुदायों को इसमें शामिल करके कोविड-19 वैक्सीन के बारे में लोगों को जागरूक किया और इस तरह अपने समर्पण भाव से सभी को रूबरू कराया।
इस ड्राइव की सफलता पर बात करते हुए, डॉ. गोपाल के. सोनी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, मोमेंटम रूटीन इम्यूनाइज़ेशन ट्रांसफॉर्मेशन एंड इक्विटी प्रोजेक्ट, ने कहा, "छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के खिलाफ इस वैक्सीनेशन ड्राइव में राज्य सरकार, प्रोजेक्ट टीम और वैक्सीन लगाने वालों का समर्पण भाव सराहनीय था। साथ मिलकर सबके प्रयास ये ही थे कि उच्च जोखिम और कम सेवा वाले समुदायों तक वैक्सीनेशन की आसान पहुँच सुनिश्चित हो। इसके तहत डोर-टू-डोर विजिट्स, इंफॉर्मेटिव सेशंस और यूज़र-फ्रेंडली मॉडल कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर की स्थापना जैसे अभिनव दृष्टिकोणों को अपनाया गया, जिसके माध्यम से, हमने कमजोर आबादी के वैक्सीनेशन को प्राथमिकता देने में उल्लेखनीय प्रगति की है। हम छत्तीसगढ़ राज्य सरकार और यूएसएआईडी के विशेष आभारी हैं कि उन्होंने हमें कोविड-19 वैक्सीनेशन में राज्य सरकार के प्रयासों को समर्थन देने और इन्हें गति प्रदान करने का अवसर दिया है।"
राज्य के इस अनूठे कार्य पर प्रकाश डालते हुए, श्री देवीदास किसान निमजे, सीनियर प्रोग्राम मैनेजर, समर्थन, ने कहा, "द सिटी लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) समूह में समुदाय के सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (एसएचजी) की महिलाएँ शामिल हैं। सीएलएफ ने सक्रिय रूप से सरकारी योजनाओं, आजीविका गतिविधियों, वॉश आदि को जोड़ने का काम बखूबी किया है। प्रोजेक्ट टीम ने सीएलएफ और सामुदायिक समूहों के साथ सहयोग करके एक विस्तृत कार्यान्वयन योजना तैयार की। उन्होंने घर-घर का दौरा किया और जो लाभार्थी कोविड-19 वैक्सीन का लाभ लेने से छूट गए थे, उनकी पहचान करने और कोविड-19 वैक्सीनेशन के प्रति लाभार्थियों के बीच विश्वास पैदा करने के उद्देश्य से सामुदायिक बैठकें आयोजित कीं। समुदाय के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ने के लिए नियमित रूप से फॉलो-अप्स लिए गए और स्थानीय त्योहारों का लाभ उठाकर जिलों के भीतर वैक्सीनेशन की पहुँच बढ़ाई गई।"
समुदायों को संगठित करने के उद्देश्य से यह प्रोजेक्ट स्थानीय चेंज एजेंट्स के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसमें सबसे कमजोर समूहों तक पहुँचने के लिए ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रभावशाली लोगों, मौजूदा नेटवर्क्स, जैसे- महिला हेल्पलाइन नंबर, बाल अधिकार आयोग के स्थानीय पीआरआई अधिकारी और अन्य लोगों के साथ समुदायों को संगठित करने के रूप में विशेष भागीदारी दर्ज की गई। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से न सिर्फ राज्य सरकार के प्रयासों को अधिकतम गति मिली है, बल्कि लोगों के बीच वैक्सीन को लेकर विश्वास को बढ़ावा देने और कमजोर व हाशिए पर रहने वाली बड़ी आबादी के बीच कोविड-19 वैक्सीन को अपनाने में भी वृद्धि हुई है। सभी के सहयोगात्मक प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य के लोग कोविड-19 वैक्सीनेशन के महत्व के बारे में पूरी तरह से जागरूक हैं।
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