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Ujjain: महाकाल मंदिर में मिले 2100 साल पुराने अवशेष

उज्जैन महाकाल मंदिर के परिसर में खुदाई के दौरान करीब 2100 साल पुराने अवशेष मिले हैं। इस बात पता जब संस्कृति मंत्रालय को चला तो पुरातत्व की टीम भोपाल से उज्जैन पहुंची और वहां गहराई से जांच की जा रही है। अधिकारियों ने कहा है कि मंदिर में मिले अवशेषों को जानकारों के निगरानी चेक करने के बाद एक रिपोर्ट बनाकर संस्कृति मंत्रालय को सौंपा जाएगा।

साधक के ध्यान देने योग्य बातें

पुरातत्व विभाग की टीम का नेतृत्व कर रहे अधिकारी डॉ रमेश यादव ने बताया कि 11वीं और 12वीं शताब्दी में बने मंदिर के अवशेष वर्तमान मंदिर परिसर के नीचे दबे हुए हैं, जो की उत्तर वाले भाग में है। उन्होंने कहा कि दक्षिण की ओर 4 मीटर नीचे एक दिवार मिली है जो करीब करीब 2100 साल पुरानी हो सकती है। 

ऐसा पहली बार नहीं जब महाकाल मंदिर में पुराने अवशेष मिले हैं। पिछले साल दिसंबर 2020 में भी हजारों साल पुराने शिलालेख मिले थे। इसके बाद लगातार यहां खुदाई का काम किया जा रहा है। इसके बाद खुदाई का कार्य रोक दिया गया। यहां खुदाई के दौरान सोमवार को माता की प्रतिमा मिली।

संस्कृति मंत्रालय के आदेश पर भोपाल संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय के चार सदस्य डॉ. रमेश यादव (पुरातत्वीय अधिकारी), डॉ. धुवेंद्र सिंह जोधा (शोध सहायक), योगेश पाल (पर्यवेक्षक) और डॉ. राजेश कुमार ने बुधवार को मंदिर में निरीक्षण किया। 


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वर्ल्ड हेरिटेज मॉन्यूमेंट्स भी मिल सकते हैं

डॉ. रमेश यादव ने दावा किया कि खुदाई कार्य को जानकारों की निगरानी में करने की जरुरत है। यहां बड़े अवशेष भी मिल सकते हैं। हालांकि रिपोर्ट में मंत्रालय को पेश करेंगे। आने वाले दिनों में कार्य की रिकॉर्डिंग कराई जाएगी।

इधर, भोपाल के रहने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के रिटायर्ड अधीक्षक डॉ. नारायण व्यास ने भी माना कि महाकाल वन की खुदाई की जानी चाहिए। अभी जो साक्ष्य मिले, वो ईसा पूर्व हो सकते हैं। साइंटिफिक पद्धति से स्टडी करवाने की जरुरत है। महाकाल मंदिर में वर्ल्ड हेरिटेड मॉन्यूमेंट्स भी मिल सकते हैं।

स्रोत-अमर उजाला 

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