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जानना चाहते हैं भारत की जेलों के प्रकार के बारे में? कितनी हैं ये जेलें? जानें सब कुछ | Kambhakht जेल

 


जेल की एक अलग दुनिया होती है और कई लोगों के मन में इस दुनिया के बारे में जानने की इच्छा होती है। जेल को सजा काटने की जगह के तौर पर देखा जाता है, जिसका असल मकसद अपराधियों को सुधारना होता है। 2016 में देशभर में 1,412 जेलें थीं, जो 2018 में घटकर 1,339 हो गईं।
आइए आपको बताते हैं कि भारत में कितने प्रकार की जेलें हैं और सेंट्रल जेल तथा जिला जेल में क्या अंतर होता है। 
भारत में हैं सात प्रकार की जेलें
भारत में कुल सात प्रकार की जेलें हैं। जेलें राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। सुरक्षा, रहने की व्यवस्था, मेडिकल सुविधाएं आदि के लिए सरकारें समय-समय पर केंद्र सरकार की मदद लेती रहती हैं। जेल के सात प्रकार ये हैं:
1. सेंट्रल जेल
सेंट्रल जेल में उन कैदियों को रखा जाता है, जिन्हें दो साल से अधिक की सजा हुई हो या जिन्होंने किसी घिनौने अपराध को अंजाम दिया हो। यहाँ बंद कैदी जेल में काम कर पैसे कमा सकते हैं। भारत में 144 सेंट्रल जेल हैं। 
2. जिला जेल
जिला जेल और सेंट्रल जेल में ज्यादा अंतर नहीं होता है। जिला जेल उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मुख्य जेल की भूमिका निभाती है, जहाँ सेंट्रल जेल नहीं होती। 2018 तक के आकंड़ों के मुताबिक, भारत में 404 जिला जेल हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा जिला जेल हैं।
3. उप जेल
उप जेल उपमंडल स्तर पर बनाए गए होते हैं। हरियाणा, मेघालय, मणिपुर आदि राज्यों में उप जेल नहीं है। फिलहाल भारत में 628 उप जेल हैं। 
4. महिला जेल
जैसा कि नाम से ही जाहिर हैं, इन जेलों में केवल महिला कैदियों को रखा जाता है। यहाँ के स्टाफ में भी सारी महिलाएं ही होती हैं। फिलहाल देशभर में 24 महिला जेल हैं। दिसंबर, 2018 में तक के आकंड़ों के मुताबिक, इन 24 जेलों में कुल 3,243 महिला कैदी बंद हैं।
5. ओपन जेल
ओपन जेलों में दीवारें, सलाखे और ताले नहीं होते। यहाँ सुरक्षा व्यवस्था भी कम होती है। इन जेलों में उन कैदियों को रखा जाता है, जिनका व्यवहार अच्छा हो और जो नियमों पर खरे उतरते हैं। यहाँ के कैदी खेती आदि कर पैसे कमा सकते हैं। 1962 में देश में पहली बार इस जेल की शुरुआत हुई थी, और आज भारत में 77 ओपन जेल हैं। 
6. बॉस्टर्ल स्कूल
बॉस्टर्ल स्कूल एक प्रकार के यूथ डिटेंशन सेंटर्स होते हैं। इन स्कूलों में अपराध में शामिल नाबालिगों को रखा जाता है। यहाँ उनके कल्याण और पुनर्वास आदि पर जोर दिया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहाँ उन्हें शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाती है ताकि बाहर जाने के बाद उन्हें रोजगार मिल सके और वे अपराध से दूर रहे। भारत में 19 बोस्टर्ल स्कूल हैं, हालाँकि केंद्र शासित प्रदेशों में एक भी बॉस्टर्ल स्कूल नहीं है।
7. स्पेशल जेल
स्पेशल जेलों में घुसपैठ और आतंकवाद से जुड़े मामले के कैदियों को रखा जाता है। इन जेलों में सुरक्षा के विशेष प्रबंध होते हैं। इन जेलों में महिला कैदियों को भी रखा जा सकता है। भारत में 41 स्पेशल जेल हैं। केरल, असम, महाराष्ट्र, तमिलनाडु आदि राज्यों में ऐसी जेलें बनी हुई है।

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