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लोगों के लिए पर्यटक स्थल बना श्मशान, दिलचस्प है पूरा मामला

 


श्मशान का नाम सुनते ही एक नकारात्मक भाव अक्सर हमारे मन में आ जाता है, जो बहुत प्रेतों की बातें और तांत्रिक कार्यों की याद दिला देता है। भावनात्मक और कमजोर दिल के लोग उस ओर जाने से भी डरते हैं। लेकिन आज हम आपको बताते हैं एक ऐसे श्मशान के बारे में, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र है।

राजस्थान के नागौर जिले के लाडनूं शहर का श्मशान घाट किसी दार्शनिक स्थल से कम नहीं लगता है। पूरे परिसर में चारों तरफ सुंदर पेड़-पौधे और फूल लगाए गए हैं। करीब सात एकड़ में फैला यह स्थान श्मशान घाट के बजाए एक मनमोहक पार्क दिखाई देता है। यहां सुबह-शाम स्थानीय लोग, यहां तक कि महिलाएं भी घूमने आती हैं। श्मशान घाट में बनाए गए इस खूबसूरत पार्क में दिन भर लोगों की चहल-कदमी बनी रहती है। इसका पूरा श्रेय खानपुर गांव के एक समाजसेवी रघुवीर सिंह को जाता है। रघुवीर सिंह के साथ साथ यहां के लोगों ने भी समाजसेवा का जज्बा दिखाते हुए अपनी मेहनत से श्मशान घाट को एक दार्शनिक स्थल का रूप दिया है। लोगों ने साफ सफाई व मेहनत कर के श्मशान का रंग रूप ही बदल दिया है।

इस जगह के पीछे की तरफ एक हिस्सा श्मशान घाट के लिए बनाया गया है, जहां अंतिम संस्कार किया जाता है। यहां एक बड़े मैदान में भिन्न-भिन्न समाज के लोगों के अंतिम संस्कार के लिए पक्की जगह तैयार की गई है। शमशान के बीचों-बीच भगवान शंकर की प्रतिमा स्थापित है, जहां हर रोज आरती होती है।

राजस्थान के इस श्मशान घाट में कृत्रिम पहाड़ बनाए गए हैं। इन पहाड़ों पर झरने भी बनाए गए हैं और उन्हें आकर्षक कलाकृतियों से सजाया भी गया है। शमशान में ही स्थित एक छोटा सा चिड़ियाघर इसे और भी खूबसूरत बना देता है, जिसमें खरगोश, बतख और रंग-बिरंगी चिड़ियां मौजूद हैं। श्मशान घाट का मुख्य द्वार भी काफी आकर्षक बनाया गया है। श्मशान घाट के इस मनोरम रूप से यह स्थान शहर और आसपास के गांवों में अत्यंत प्रसिद्द होता जा रहा है। इस श्मशान के आकर्षण के चलते लाडनूं आने वाले कई लोग श्मशान घाट भी देखने आते हैं।

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