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जैसलमेर से बीकानेर के बीच एक गाँव "नाचना", पढ़े मजेदार किस्सा!



वहाँ से बस आती है तो लोग कहते है कि 
नाचने वाली बस आ गयी
कंडक्टर भी बस रुकते ही चिल्लाता..
नाचने वाली सवारियाँ उतर जाएं बस आगे जाएगी
इमरजेंसी में रॉ का एक नोजवान अधिकारी जैसलमेर आया 
रात बहुत हो चुकी थी,
वह सीधा थाने पहुँचा और ड्यूटी पर तैनात सिपाही से पूछा 
थानेदार साहब कहाँ है?
सिपाही ने जवाब दिया थानेदार साहब नाचने गये है,
अफसर का माथा ठनका उसने पूछा डिप्टी साहब कहाँ है ,
सिपाही ने विनम्रता से जवाब दिया-
हुकुम डिप्टी साहब भी नाचने गये है
अफसर को लगा सिपाही अफीम की पिन्नक में है, उसने एसपी के निवास पर फोन📞 किया।
एसपी साहब है?
जवाब मिला नाचने गये है 
लेकिन नाचने कहाँ गए है ये तो बताइए ?
बताया न नाचने गए है,सुबह तक आ जायेंगे।
कलेक्टर के घर फोन लगाया वहाँ भी यही जवाब मिला,साब तो नाचने गये है
अफसर का दिमाग खराब हो गया, ये हो क्या रहा है इस सीमावर्ती जिले में ओर वो भी इमरजेंसी में।
पास खड़ा मुंशी ध्यान से सुन रहा था और वो बोला हुकुम बात ऐसी है की दिल्ली से आज कोई मिनिस्टर साहब नाचने आये है।
इसलिये सब हाकिम लोग भी नाचने गये हैं।

राजस्थान का प्यार हमेशा याद रहता है। 

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