आजादी के बाद भी क्यों नहीं मिल रहा घुमन्तु समाज वालों को उनका हक़?

आजादी के  बाद भी समाज के कई ऐसे वर्ग हैं, जिन्हें रहने के लिए मकान उपलब्ध नहीं है। उनमें विमुक्त घुमंतू समाज की कई प्रजातियां शामिल हैं, जो 40 वर्षो से झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं। उनमें बाजीगर, बंजारा, गाड़िया, लुहार, सिक्लीगर, सांसी, गड़रिया, सपेरा, डेहा, ओढ़ आदि जातियां प्रमुख हैं।

                                         

शहर की वर्कशॉप रोड के साथ ही अन्य मार्गो पर रहने वाले इन लोगों के पास राशन, आधार एवं वोटर कार्ड भी हैं। इतना ही नहीं ये लोग पानी की व्यवस्था और शौचालय की सुविधा से वंचित हैं, जो बस अड्डा पर पांच रुपये प्रति व्यक्ति अदा कर शौचालय का इस्तेमाल करने पर मजबूर हैं। अगर एक परिवार में पांच सदस्य हैं, तो उन्हें रोज 25 रुपये अदा करने पड़ते हैं। इससे गरीबी की मार झेल रहे इन लोगों पर और मार पड़ रही है। सरकार की घोषणाओं के बावजूद इन प्रजातियों को मकान उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

सड़क किनारे 20 सालों से रह रहे हैं। सरकारी घोषणाओं के बावजूद हमें लाइट, पानी, शौचालय आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है, जबकि हमारे राशन, आधार, वोटर कार्ड भी बने हुए हैं। हमारे समाज के लोगों की ओर उत्थान के लिए कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

पार्क से पानी भरकर लाने से भी मना किया जाता है। शौचालय के लिए बस अड्डे पर जाना पड़ता है। इसके लिए प्रति व्यक्ति पांच रुपये अदा करने पड़ते हैं। पहले ही गरीबी की मार झेल रहे हैं। लुहार का कार्य कर बड़ी मुश्किल से गुजारा कर पा रहे हैं हम।

आजादी के 70 साल बाद भी हमारी प्रजाति को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। सरकार की घोषणाओं के बावजूद हमें कोई सहायता नहीं मिल रही है। पानी, बिजली, शौच आदि की समस्या से काफी वर्षो से परेशान हैं।

पूरे प्रदेश में विमुक्त घुमंतू समाज की स्थिति बहुत दयनीय है। इस जाति के लोग आजादी के बाद से ही अपने सामाजिक न्याय को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हैं, जबकि इस जाति के लोगों ने देश की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सरकार को अपनी अंत्योदय नीति को चरितार्थ करते हुए इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

इन लोगों के राशन और आधार कार्ड बने हुए हैं, तो उन्हें फार्म भर कर नगर निगम में जमा कराना चाहिए। किन-किन जातियों को इस योजना में शामिल किया जाएगा, इस पर आखिरी निर्णय सरकार का होगा। 

Source : Jagran 

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