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कहानी पान पराग की, कानपुर के मनसुख भाई कोठारी ने कैसे बनाया देश का सबसे बड़ा पान मसाला ब्रांड

कानपुर। आप में से ज्यादातर लोगों को याद होगा शम्मी कपूर और अशोक कुमार पर फिल्माया गया 80 के दशक का सबसे बड़ा विज्ञापन जिसमें 'बारातियों का स्वागत पान पराग से कीजिएगा' लाइन, सही मायने में आज तक ट्रेंड में है। जिन्होंने यह विज्ञापन नहीं देखा है, उनकी जुबान से भी ये लाइन सुनने को मिल जाती है। आज बात इसी पान पराग के जन्मदाता की, बात बाबूजी' के नाम से मशहूर कानपुर के उद्योगपति और पान पराग के संस्थापक मनसुख लाल महादेव भाई कोठारी की। 

साल 2015 में 90 वर्ष की उम्र में मनसुख लाल महादेव भाई कोठारी ने अपना शरीर त्याग दिया लेकिन पीछे छोड़ गए दशकों पुराना नंबर वन ब्रांड पान पराग। जिसके बैनर तले कई समाज सेवा के काम किए गए, और अभी भी जारी हैं, जिनमें स्कूलों समेत कई सामाजिक संस्थानों की शुरुआत शामिल है। मनसुख भाई के दो बेटे और एक बेटी है। अपने अंतिम समय में उन्होंने अपनी कर्मभूमि पहुंचने की इच्छा जताई और कानपुर में बेटे दीपक कोठारी के पास आ गये। 

एक छोटे से गांव निराली में पैदा हुए मनसुख अपने आठ भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत महज 1.25 रुपये की दिहाड़ी से की थी। लेकिन आगे बढ़ने की सोच और उनकी मेहनत करने की चाह ना तो कभी खत्म हुई और न ही धीमी पड़ी। मनसुख भाई ने पान पराग की शुरुआत 18 अगस्त 1973 में की थी। और अस्सी के दशक में इस ब्रांड का अलग ही बोल बाला था। पान पराग ने सफलता की सीढ़ियां इस कदर चढ़ी कि मनसुख भाई को 1987 में राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। इतना ही नहीं उन्हें पूर्व पीएम राजीव गांधी ने भी राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार से नवाजा था।

कुछ ऐसा रहा पान पराग का अब तक का सफर 

वर्ष 1973: 18 अगस्त को "पान पराग" का शुभारंभ।

वर्ष 1983: कोठारी प्रोडक्ट्स प्राइवेट के रूप में शुरुआत।

वर्ष 1983-1987: "पान पराग" एकल सबसे बड़ा टीवी पर विज्ञापनदाता और पान मसाला 1983-1987 की अवधि में एक Megabrand बन गया था।

वर्ष 1985: स्वचालित और आधुनिकीकरण प्लांट में पाउच के क्रांतिकारी पैकिंग में पान मसाला का शुभारंभ।

वर्ष 1987: "पान पराग 'के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।

वर्ष 1988: बजट वाशिंग पाउडर का शुभारंभ।


तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी द्वारा राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार से श्री मनसुख भाई कोठारी को सम्मानित किया गया।

वर्ष 1995: कोठारी प्रोडक्ट्स लिमिटेड एक सूचीबद्ध कंपनी बन गई।


मिनरल वाटर "यस" का शुभारंभ।

वर्ष 2003: KPL "पराग सुपारी" के लिए एफएमसीजी पुरस्कार 2003 प्राप्त हुआ, "पराग साडा" और 28 मई को नई दिल्ली में AMGF द्वारा "पान पराग प्रीमियम" सुप्रीम " की शुरुआत हुई।

वर्ष 2003: KPL भारत के सबसे पसंदीदा ब्रांड के लिए 2004 उपभोक्ता दुनिया पुरस्कार प्राप्त "मेरा ब्रांड"।

वर्ष 2005: शिक्षा क्षेत्र में कदम रखा और नोएडा में कोठारी इंटरनेशनल स्कूल की स्थापना।

वर्ष 2009: उत्कृष्टता का प्रमाण पत्र जनवरी 2 पर वर्ष 2008 के लिए चबाने वाली तम्बाकू के निर्यात में सबसे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्थापना दिवस समारोह पर तम्बाकू बोर्ड द्वारा सम्मानित किया गया।

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