अक्षय कुमार उर्फ राजीव भाटिया का जन्म 7 फरवरी 1960 को अमृतसर में हुआ था, लेकिन उनका बचपन चांदनी चौक की तंग गलि मालीवाड़ा में बीता है. उनके पिता जी यूनिसेफ में नौकरी करते थे, ओर अधिकतर अमृतसर से बाहर रहते थे इसलिए उनकी मा उन्हें दिल्ली ले आई थी.
उनकी की स्कूली शिक्षा दिल्ली में प्रारंभ हुई, अक्षय कुमार के बचपन के दोस्त बताते हैं, अक्षय बचपन में बहुत चंचल था. लेकिन जब चांदनी चौक टू चाइना की शूटिंग करने दिल्ली आया, तब वह काफी गंभीर और सीरियस था उस समय तक उसने सफल होने और शिखर पर जमे रहने का मंत्र सीख लिया है.
जब जवान हुए तब वे घर से भागकर बैंकॉक चले गए वहां वह एक होटल में पराठे बनाते थे इसलिए उन्हें सैफ कहते थे, तब अक्षय का मानना था रोड टू सक्सेस इन ऑलवेज अंडर कंस्ट्रक्शन यानी सफलता बनती ही रहती है सफलता कहीं पर नहीं है. किसी के लिए यह शोहरत है किसी के लिए मान सम्मान है.
अब्राहम लिंकन (Success story in hindi)
अक्षय कुमार की सफलता का राज
दुनिया आपको हमेशा सिर माथे पर इसलिए नहीं उठाए रखेगी की आप अच्छा आदमी है, यह बात कुछ ऐसी है, जैसे की बेल आपको इसलिए सिंग नहीं मारेगा कि आप शाकाहारी है, इसलिए विशाल बरगद की सोचिए कुकुरमुततों की तरह नहीं.
यदि चरित्र छोटा होगा, तो आप ऊंचाई कैसे नाप पाएंगे? जबकि दुनिया का ज्ञान उस उचाई पर मिलता है, जहां पर लिखा होता है सीधे चलो, क्योंकि तिरछे चलने पर संभलना मुश्किल होता है.
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