वो कहते हैं ना कि संकट में ही साथी की परीक्षा होती है। अमेरिका जब कोविड वैक्सीन के कच्चे माल पर कुंडली मारकर बैठ गया तो भारत ही नहीं, खुद अमेरिका के अंदर रोष पैदा होने लगा। आखिरकार अमेरिका को कहना पड़ा है कि वो कोविड-19 महामारी से लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है और जल्द ही वैक्सीन के लिए कच्चा माल भी भेजने जा रहा है।
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अब अमेरिका ने क्या कहा?
अमेरिका का यह रुख तब सामने आया है जब भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) की अपने अमेरिकी समकक्ष जैक सुलिवान के साथ बातचीत हुई। दोनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की फोन पर हुई बातचीत के बाद वाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली होर्ने ने कहा, ''जिस तरह भारत ने अमेरिका में उस समय सहायता भेजी थी, जब हमारे अस्पताल महामारी के शुरुआती दौर से जूझ रहे थे। इसी तरह अमेरिका भी जरूरत के इस समय में भारत की सहायता करने को प्रतिबद्ध है।''
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भारत के जेम्स बॉन्ड का कमाल?
भारत ने अमेरिका से कोविशील्ड टीके के उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति का अनुरोध किया था। होर्ने ने कहा कि भारत के अग्रिम मोर्च के कर्मियों और कोविड-19 मरीजों की सहायता के मद्देनजर अमेरिका ने टेस्ट किट, वेंटिलेटर और पीपीई किट के अलावा अन्य उपकरण भारत को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ऑक्सीजन उत्पादन एवं संबंधित वस्तुओं की आपूर्ति भारत को तत्काल उपलब्ध कराने के विकल्पों पर काम कर रहा है।
सोशल मीडिया पर इसे अजित डोभाल की करामात मानी जा रही है। ट्विटर पर #AjitDoVal ट्रेंड करने लगा है जिसमें कहा जा रहा है कि 'भारत के जैम्स बॉन्ड' ने फिर कर दिखाया।
स्रोत-नवभारत टाइम्स
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