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भारत की अपील को ओपेक ने किया अनसुना

पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और उसके साथी देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन पर लागू नियंत्रण हटाने की भारत की अपील को अनसुना कर दिया है.

                                     
      

सऊदी अरब ने भारत से कहा है कि पिछले साल जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमतें काफ़ी कम थीं, उस समय ख़रीदे गए तेल का इस्तेमाल भारत अभी कर सकता है.

इकोनॉमिक टाइम्स की ख़बर के अनुसार, सऊदी उर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलाज़ीज़ बिन सलमान ने कहा कि भारत को पिछले साल कम क़ीमत पर ख़रीदे गए तेल का इस्तेमाल करना चाहिए.

उन्होंने कहा, "मैं अपने मित्र से कहूंगा कि पिछले साल अप्रैल, मई और जून में उन्हों जो तेल खरीदा था उसे स्टोर से निकालें."

भारत सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओपेक देशों की बैठक से पहले उनसे अपील की थी कि कच्चे तेल के दाम में स्थिरता लाने के लिए वे उत्पादन पर लागू प्रतिबंधों को कम कर दें.

उनका कहना था कि कच्चे तेल की अधिक क़ामतों का असर भारतीय अर्थव्यवस्था की रिकवरी पर पड़ रहा है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार भारत में बीते साल अप्रैल से मई के बीच में 16.71 बैरल कच्चा तेल ख़रीदा था और तीन जगहों पर बने तेल गोदामों इसे स्टोर किया था.

21 सितंबर 2020 को राज्यसभा में दिए एक प्रश्न के उत्तर में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा था कि उस दौरान औसतन क़ीमत 19 डॉलर में पेट्रोल खरीदा गया था.


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