Banner

राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया को कैसे बनाया इतना 'मजबूत', ग्रेग चैपल ने किया खुलासा

 स्टोरी हाइलाइट्स

  • चैपल ने माना- युवा प्रतिभा की पहचान में भारत ने AUS को पीछे छोड़ दिया
  • द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलियाई ‘दिमागों’ को पढ़कर ठोस घरेलू ढांचा तैयार किया


पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ग्रेग चैपल का मानना है कि युवा प्रतिभा की पहचान में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पीछे छोड़ दिया है और उन्हें सफल होने के लिए मंच मुहैया करा रहा है. पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलियाई ‘दिमागों’ को पढ़कर भारत में उनके देश से बेहतर प्रतिभा खोज प्रणाली तैयार की. चैपल को हालांकि मलाल है कि ऑस्ट्रेलिया में फिलहाल ऐसी प्रणाली की कमी है, जबकि एक समय वह युवा खिलाड़ियों को तैयार करने में सर्वश्रेष्ठ था.

Chris Lynn Trolls Dinesh Karthik : दिनेश कार्तिक की वैक्सीन वाली तस्वीर देख क्रिस लिन ने किया ट्रोल, भारतीय विकेटकीपर ने दिया मजेदार जवाब

चैपल ने ‘क्रिकेट.कॉम.एयू’ से कहा, ‘भारत ने सफलता हासिल की और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राहुल द्रविड़ ने हमारे से सीखा, देखा कि हम क्या कर रहे हैं और भारत में इसे दोहराया और उनके पार अधिक विकल्प (जनसंख्या) थे.’ द्रविड़ बेंगलुरु की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में क्रिकेट संचालन निदेशक हैं. वह 2016 से 2019 के बीच भारत-ए और भारत अंडर-19 टीम के मुख्य कोच रहे.

सर्वकालिक दिग्गज बल्लेबाजों में से एक चैपल ने चेताया कि घरेलू ढांचे के कारण प्रतिभावान ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों को अपने करियर में मुश्किल हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘एतिहासिक रूप से हम युवा खिलाड़ियों को तैयार करने में सर्वश्रेष्ठ में से एक थे और उन्हें व्यवस्था से जोड़कर रखते थे, लेकिन मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्ष में इसमें बदलाव आया है.’ चैपल ने कहा, ‘मैंने युवा खिलाड़ियों का समूह देखा है जिनमें बहुत प्रतिभा है, लेकिन उन्हें मौके नहीं मिल रहे. यह अस्वीकार्य है.’ 

चैपल का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया ने यह अधिकार गंवा दिया है कि वे स्वयं को प्रतिभा की पहचान करने में सर्वश्रेष्ठ कह सकें. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम प्रतिभा खोज में सर्वश्रेष्ठ होने का अपना स्थान गंवा चुके हैं. मुझे लगता है कि अब इंग्लैंड हमारे से बेहतर कर रहा है और भारत भी हमारे से बेहतर कर रहा है.' 

इसी साल की शुरुआत में कई अहम खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण भारत की दूसरे दर्जे की टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर हराकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती थी. करिश्माई कप्तान विराट कोहली भी पितृत्व अवकाश के कारण चार मैचों की सीरीज का एक ही मैच खेल पाए थे.

चैपल का मानना है कि भारत ने बेहद प्रभावी खिलाड़ी विकास प्रणाली दिखाई है और उनके युवा खिलाड़ियों के पास भी विस्तृत अंतरराष्ट्रीय अनुभव है. पूर्व भारतीय कोच ने कहा, ‘अगर आप ब्रिस्बेन टेस्ट में खेलने वाली भारतीय टीम को देखो तो इसमें तीन या चार नए खिलाड़ी थे और सभी ने कहा था कि यह भारत की दूसरी एकादश है. ये खिलाड़ी भारत-ए के लिए काफी मैच खेले थे.’ 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ