Mukhtar Ansari Jurney to Banda Jail: बांदा जेल की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है. जेल में मुख़्तार को कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा. उसे आम कैदियों की तरह ही रखा जाएगा. बैरक नंबर-15 तन्हाई सेल है. यानी मुख़्तार के साथ कोई अन्य कैदी नहीं होगा.
बांदा. आखिरकार दो साल बाद पूर्वांचल का माफिया डॉन और विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) एक बार फिर बांदा जेल (Banda Jail) पहुंच गया है. यूपी पुलिस की भरी भरकम टीम सुरक्षा घेरे के बीच मुख़्तार अंसारी को पंजाब के रोपड़ जेल से लेकर बांदा जेल पहुंची. करीब 900 किमी की दूरी को यूपी पुलिस ने 14 घंटे 30 मिनट में पूरा किया. बुधवार सुबह करीब 4.31 बजे मुख़्तार अंसारी गेट नंबर 2 से बांदा जेल में दाखिल हुआ. पिछले दो साल से ज्यादा वक्त से पुलिस को छका रहे मुख़्तार का अब नया ठिकाना बांदा जिले का बैरक नंबर 15 है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्तार अंसारी को बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाया गया था. साथ ही सफर के दौरान अचानक से तीन बार रूट में भी बदलाव किया गया.
जानकारी के मुताबिक, बांदा जेल की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है. हालांकि, जेल में मुख़्तार को कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा. उसे आम कैदियों की तरह ही रखा जाएगा. बैरक नंबर-15 तन्हाई सेल है, यानी मुख़्तार के साथ कोई अन्य कैदी नहीं होगा. मुख़्तार के यूपी आने से अब उसके खिलाफ अलग-अलग दर्जन भर से ज्यादा मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी. रोपड़ जेल में कई मुकदमों का ट्रायल भी शुरू नहीं हो सका था.
इस रास्ते से पहुंचा बांदा
इससे पहले भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुख्तार को लेकर यूपी पुलिस शाम करीब 6 बजे यूपी की सीमा में प्रवेश कर गई. मुख्तार की एम्बुलेंस के आगे-पीछे और अगल-बगल पुलिस के वाहनों का काफिला चलता रहा था. पुलिस के काफिले के पीछे मीडिया की गाड़ियां चल रही थीं. मुख्तार को लेकर पुलिस का काफिला पंजाब के बाद यमुना एक्सप्रेस वे और फिर इटावा के बाद कानपुर के पहले घाटमपुर के रास्ते बांदा पहुंचा.
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तीन बार बदला रूट
पंजाब से लाते वक्त मुख्तार के काफिले का रूट तीन बार बदला गया. पहले, इटावा के बाद कानपुर देहात के सिकंदरा से अचानक रूट बदल दिया गया. रात डेढ़ बजे सिकंदरा पहुंचे काफिले को अचानक भोगनीपुर की तरफ मोड़ दिया गया. सिकंदरा से काफिला राजपुर होते हुए भोगनीपुर और यहां से मूसानगर होते हुए घाटमपुर और फिर हमीरपुर पहुंचा. यहां से अचानक पुलिस की गाड़िया भरुआ सुमेरपुर की ओर मुड़ गई थीं.
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