रूस-यूक्रेन जंग से पैदा हुए हालात को देखते हुए नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) की मेंबरशिप का विस्तार किया जा रहा है। फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन और प्रेसिडेंट सौली नीनिस्टो पहले ही फाइनल कर चुके हैं कि उनका देश NATO मेंबरशिप के लिए अप्लाई करेगा। रविवार को NATO हेड जेम्स स्टेलबर्ग ने भी कहा कि वो फिनलैंड को फास्ट-ट्रैक मेंबरशिप देंगे। इससे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन पर दबाव बढ़ेगा।
फिनलैंड के नाटो में शामिल होने से क्या होगा
- फिनलैंड ने 1917 में आजादी की घोषणा की थी। उससे पहले फिनलैंड का ज्यादातर हिस्सा, रूस के अधीन था। फिनलैंड सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान रूस के खिलाफ लड़ाई लड़ चुका है।
- साल 1917 में फिनलैंड रूस से आजाद हुआ था। रूस की 1300 किमी लंबी सीमा फिनलैंड से मिलती है। उसके लिए फिनलैंड एक बफर जोन है। फिलहाल नाटो के सदस्य देशों नॉर्वे, पोलैंड, एस्टोनिया, लातिविया, लिथुआनिया की रूस के साथ करीब 1,200 किलोमीटर लंबी सीमा है। फिनलैंड NATO में आ जाता है, तो यह बढ़कर दोगुनी हो जाएगी।
- इसके अलावा, रूस की व्यापारिक राजधानी और अरबपतियों का शहर सेंट पीटर्सबर्ग फिनलैंड की सीमा से 170 किलोमीटर दूर है। फिनलैंड के NATO सदस्य बनते ही रूस के उत्तरी मोर्चे पर भी NATO पहुंच जाएगा।
फिनलैंड ने नाटो में शामिल होने के लिए रखी शर्तें
- NATO के बुनियादी सिद्धांतों में से एक है- कलेक्टिव डिफेंस। यानी एक या एक से ज्यादा सदस्यों पर हुआ हमला, सभी सदस्य देशों पर हमला माना जाएगा। नाटो के डिपलोमैट्स का कहना है कि फिनलैंड और स्वीडन की आवेदन प्रक्रिया में लगभग एक साल लग सकता है। नाटो मेंबर बनने के लिए सभी 30 नाटो देशों को नए सदस्यों को मंजूरी देनी होती है। जब तक सभी मेंबर्स अप्रूवल नहीं देते, तब तक नाटो खुलकर उनकी मदद नहीं कर सकता। इस प्रोसेस के पूरे होने तक फिनलैंड और स्वीडन ने सुरक्षा की गारंटी मांगी है।
- अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन पहले ही कह चुके हैं कि यदि फिनलैंड और स्वीडेन पर किसी भी तरह का हमला होता है तो वे उनका समर्थन करेंगे और मदद करेंगे।
फिनलैंड और नाटो के रिश्ते अभी कैसे हैं?
- फिनलैंड और स्वीडन नाटो के सबसे करीबी सहयोगी हैं। दोनों देश नाटो के ऑपरेशन्स और एयर पुलिसिंग में योगदान करते हैं। यूक्रेन में रूसी हमले के बाद, उन्होंने औपचारिक रूप से नाटो के साथ इनफोर्मेशन शेयर कर रहे हैं और जंग से जुड़े मुद्दों पर हुई हर बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। इसी के साथ अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
- नाटो की गाइडलाइन के मुताबिक, मेंबर देश को ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) का 2 प्रतिशत डिफेंस में खर्च करना होता है। फिनलैंड इस गाइडलाइन को काफी पहले से फॉलो कर रहा है। स्वीडन भी अपने सैन्य बजट को बढ़ा रहा है।
पुतिन की फिनलैंड को धमकी
हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली नीनिस्टो से फोन पर बात की थी। इस दौरान उन्होंने ने फिनलैंड को चेतावनी देते हुए कहा था कि नाटो में शामिल होना और फिनलैंड के तटस्थ रुख को छोड़ना बड़ी 'गलती' होगी। पहले भी रूस ने कहा था कि फिनलैंड के नाटो में शामिल होने से वह मिलिट्री एक्शन के लिए मजबूर हो सकता है। साथ ही उसे राजनीतिक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।d
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