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डूबने के लिए तैयार रहो इंदौर:203 इलाकों में फिर भरेगा बारिश का पानी, क्योंकि यहां न तो स्टॉर्म वाटर लाइन डली है और न ही निकासी का कोई इंतजाम

 पिछले वर्ष पौन इंच बारिश में डूबे इंदौर काे इस बार भी बरसात में खास राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। एक साल में अफसर 251 में से सिर्फ 48 स्थानों को दुरुस्त कर पाए हैं, जहां पिछली बार बारिश का पानी भरा था। 203 स्थान ऐसे हैं, जहां न तो स्टॉर्म वाटर लाइन डाली है और न ही अन्य इंतजाम किया है।



वैसे शहर पर यह आफत वाटर प्लस सिटी के नाम हुई मनमानी नाला टैपिंग का नतीजा है। निगम ने बिना प्लानिंग नाले टैप किए, जिससे सीवर का पानी तो नदी में जाने से रुका, लेकिन बारिश के पानी के लिए भी जगह नहीं बची।

भास्कर ने अफसरों के साथ 20 दिन तक एक-एक स्पॉट देखा। ज्यादातर जगह उनके चेहरों से हवाइयां उड़ती दिखी। मात्र 18 जगह स्टॉर्म वाटर लाइन व 6 जगह रोड बनी। 22 स्थानों पर लाइन की सफाई हुई है। चंद्रभागा, कलेक्टर चौराहा, पलसीकर, सिंगापुर अंडरपास सहित 203 स्थानों पर पहले जैसी स्थिति है।

तीन कहानियों से समझें... शहर को डूब से बचाने के लिए निगम अफसरों ने पूरे साल क्या किया है सयाजी- ड्रेनेज ओवर फ्लो में ही डूबी सड़क पिछले वर्ष सयाजी के पास पूरी बारिश पानी जमा रहा था। निगम ने पिछली बारिश के बाद 4 इंच मोटी परत से डामर सड़क बनाई थी। तब यह दावा किया गया था कि यहां पानी नहीं भरेगा। अभी तो बारिश आई नहीं है और दो दिन पहले सिर्फ ड्रेनेज ओवर फ्लो होने से यहां यह स्थिति बन गई थी।

चंद्रभागा- टेंडर ही नहीं कर पाए अफसर चंद्रभागा रोड पर भास्कर निगम अफसरों के साथ पहुंचा तो पता चला 1200 मिमी लाइन के टेंडर ही नहीं हुए। बमुश्किल 500 मीटर की सड़क पर 22 साल से पानी जमा हो रहा है। इससे 20 हजार से ज्यादा की आबादी का जीना मुश्किल हो जाता है। स्टॉर्म वाटर लाइन डालने के बावजूद पानी भरा था।

एयरपोर्ट-प्रस्ताव की फाइल ही डूब गई एयरपोर्ट की इस दीवार को तोड़कर रनवे पर जमा होने वाला बारिश का पानी व्यासनगर कॉलोनी में बहाते हैं। इससे 700 घरों में घुटनों तक पानी भर जाता है। सब-इंजीनियर सालगराम शितोले बताते हैं कि 80 लाख में 700 मीटर स्टॉर्म वाटर लाइन का प्रस्ताव भेज चुके हैं पर फाइल आगे नहीं बढ़ी।

भास्कर एक्सपर्ट- सुधीर सक्सेना, रिटा. प्रमुख अभियंता 203 स्पॉट सुधारने का समय नहीं बचा, ट्रैफिक जाम वाले स्थान चिह्नित कर अफसर तैनात करें एक बार में 5 से 6 इंच बारिश में शहर डूबता है तो कोई व्यवस्था नहीं बचा सकती लेकिन आधा इंच बारिश में शहर डूब रहा है तो यह सीधे तौर पर निगम की लापरवाही है। नाला टैपिंग तो की, लेकिन स्टॉर्म वाटर को अनदेखा कर दिया। लोगों को हर्जाने का केस लगाना चाहिए।

इस बार अब इतना समय नहीं बचा है कि 203 स्थानों को दुरुस्त किया जा सके। अब ऐसे 25 से 30 स्थान चिह्नित किए जाने चाहिए, जहां पानी भरने से ट्रैफिक बाधित होता है। यहां एक-एक सब-इंजीनियर की ड्यूटी लगाना चाहिए।

इन इलाकों में इस बार भी भरेगा बारिश का पानी कलेक्टर चौराहा, चंद्रभागा मेनरोड, जूनी इंदौर ब्रिज के नीचे, बीआरटीएस, मल्हारगंज, गंगवाल बस स्टैंड, गांधी हॉल के पीछे, एमटीएच बस स्टॉप, ब्रिलियंट के सामने, सयाजी के पास, विजयनगर चौराहा, एमआर-9, महालक्ष्मीनगर, पाटनीपुरा चौराहे से साईंद्वार, जंजीरावाला, नरेंद्र हिरवानी गेट, वैशालीनगर, खातीवाला टैंक, खनूजा ग्राउंड, माणिकबाग लाइन आदि।


साभार- भास्कर 

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