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Lakhimpur Scandal: BJP पार्षद सुमित जायसवाल समेत चार गिरफ्तार, लाइसेंसी रिवाल्वर और तीन कारतूस बरामद


 सार

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा था, जिसमें सुमित जायसवाल नामक शख्स घटना स्थल पर थार से निकल कर भागते हुए दिखाई दे रहा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। 

विस्तार

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड में पर्यवेक्षण टीम ने भाजपा पार्षद सुमित जायसवाल उर्फ मोदी समेत चार और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से एक लाइसेंसी रिवाल्वर समेत तीन कारतूस भी बरामद हुए हैं।

आरोप है कि तीन अक्तूबर को ये घटनास्थल पर मौजूद थे। थार जीप से उतरकर भागने का वीडियो वायरल होने के बाद से पुलिस सुमित की तलाश कर रही थी। इस मामले में अब तक कुल दस लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

तिकुनिया कांड में दोनों पक्षों से दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। दूसरे मुकदमे में सुमित जायसवाल मोदी स्वयं वादी है। घटना के वक्त सुमित थार जीप में सवार था, जिससे उसे अहम गवाह माना जा रहा है। क्योंकि किसानों को कुचलने में थार जीप का रोल सामने आया था, जिसके वीडियो भी वायरल हुए थे। पर्यवेक्षण टीम ने मीडिया को जारी प्रेस नोट के माध्यम से बताया है कि वांछित सुमित जायसवाल मोदी निवासी लखीमपुर, शिशुपाल निवासी बनवीरपुर, नंदन सिंह बिष्ट निवासी लखनऊ, सत्य प्रकाश त्रिपाठी उर्फ सत्यम निवासी जनपद कौशांबी को खीरी पुलिस व क्राइम ब्रांच की स्वॉट टीम के जरिये गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तारी के दौरान सत्यम के पास से एक लाइसेंसी रिवाल्वर व तीन कारतूस को भी नियमानुसार सीज किया गया है। सूत्र बताते हैं कि सुमित, सत्यम, नंदन थार में सवार थे, जबकि शिशुपाल स्कार्पियो का ड्राइवर है। पुलिस अभी चारों आरोपियों से पूछताछ कर रही है, जिन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेने की कोशिश होगी। 

सात किसानों से भी एसआईटी दफ्तर में की गई पूछताछ 

तिकुनिया कांड में सोमवार को सात किसान भी एसआईटी के सामने बयान दर्ज कराने पहुंचे, उनके साथ दो वकील भी थे। सूत्र बताते हैं एसआईटी ने दूसरे मुकदमे की भी विवेचना प्रारंभ कर दी है। इसके लिए करीब दो दर्जन संदिग्धों को नोटिस जारी किया गया है और उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए क्राइम ब्रांच के दफ्तर बुलाया गया है। एसआईटी के मुखिया डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि किसानों के बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं, जिसमें सोमवार को सात किसान बयान दर्ज कराने के लिए जांच टीम के समक्ष उपस्थित हुए। इन किसानों से घटनास्थल पर मौजूदगी के दौरान हुई घटना के बारे में पूछताछ की गई।

मोबाइलों से डाटा डिलीट कराने का भी उठाया सवाल 

तिकुनिया कांड के जिस तरह वायरल वीडियो की जांच आगे बढ़ रही है, उसी तरह कई नए सवाल भी सामने आने लगे हैं। कुल आठ लोग इस घटना में मारे गए, जिससे इस मामले पर सभी की नजर बनी हुई है। दूसरा कारण केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के गांव बनवीरपुर में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की अगवानी के समय सड़क पर ही संघर्ष हो गया। इस घटना के समय बनाए गए कई वीडियो और फोटो जबरन डिलीट कराए जाने के भी आरोप लगाए जा रहे है। इसके लिए मौके पर प्रदर्शनकारियों ने कई पत्रकारों पर भी हमला किया था, जिसके कुछ वीडियो भी वायरल हुए हैं। आरोप यह भी है कि पत्रकारों की पिटाई के बाद उनके मोबाइल से प्रदर्शनकारियों ने फोटो और वीडियो डिलीट करा दिए थे। विधायक सदर योगेश वर्मा ने कहा कि पत्रकार रमन कश्यप का मोबाइल घटना के दो दिन बाद उनके परिजनों को वापस किया गया। इस मामले की भी जांच होनी चाहिए। 


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