Banner

इस जेल की चारदीवारी कई कैदियों को बना रही मानसिक रोगी, लिस्ट में आतंकी भी हैं शामिल | Kambhakht जेल

 

एशिया की सबसे बड़ी तिहाड़ जेल सहित देश की विभिन्न जेलों में सात हजार से अधिक कैदी मानसिक रोगी बनने की स्थिति में पहुंच चुके हैं। इन मानसिक रोगी कैदियों में दिल्ली के रायसीना रोड पर ब्लास्ट करने वाला मास्टर माइंड आतंकी देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर भी शामिल हैं। उसकी हालत को देखते हुए भुल्लर को पंजाब की जेल में स्थानांतरित किया जा चुका है।.


बता दें कि एशिया की सबसे बड़ी तिहाड़ जेल सहित देश में 1350 जेल हैं। वर्तमान में इन जेलों में चार लाख अठत्तर हजार छ: सौ (4,78,600) कैदी हैं। कोरोना महामारी और लॉकडाउन से पहले तिहाड़ में सत्रह हजार पांच सौ चौतीस (17,534) कैदी बंद थे जबकि देश में सबसे अधिक कैदियों की संख्या उत्तर प्रदेश की जेलों में हैं। यहाँ एक लाख एक हजार 297 कैदी बंद हैं। वहीं मध्य प्रदेश की जेलों में 44,603 बिहार की जेलों में 39,814, पंजाब की जेलों में 24,174 कैदी बंद हैं। 
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के वर्ष 2019 के आंकड़े इस बात का खुलासा करते हैं कि तिहाड़ जेल सहित देश की अन्य जेलों की चारदीवारी कैदियों अवसादग्रस्त कर रही है। यह बेहद हैरान करने वाली बात है कि एशिया की सबसे बड़ी तिहाड़ जेल, उत्तर-प्रदेश, पंजाब, बिहार सहित अन्य राज्यों की जेलों में 7394 कैदी मानिसक रोगी हो चुके हैं। इनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज भी चल रहा है। 
तिहाड़ जेल में बंद आतंकी देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर का इलाज शाहदरा स्थित इहबास अस्पताल में कई सालों तक चला। वह अस्पताल में छ: माह से अधिक भर्ती भी रहा था। तिहाड़ जेल के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि भुल्लर की मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे उसके परिजनों के आग्रह पर पंजाब की जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। भुल्लर के अलावा तिहाड़ में करीब 50 से अधिक कैदी ऐसे हैं, जिनका समय-समय पर इहबास में इलाज हुआ है। इस संबंध में तिहाड़ जेल के डाक्टरों का कहना है की ऐसे कई कैदी हैं, जिन्हें मानसिक रोग स्थायी रूप से है। इनमें कुछ कैदियों को बार-बार खुदकुशी करने के ख्याल आते हैं या फिर वे अकेले में हंसते रहते हैं।



#तिहाड़ जेल #जेल #खतरनाक जेल #डरावनी जेल #आलीशान जेल #भारत की जेल

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ